सूर्य भगवान है या तारा?
वैज्ञानिक दृष्टिकोण से सूर्य एक तारा है। तारे वह विशाल आकाशीय पिंड है,जिसके पास अपना प्रकाश या चमक होता है। भार के अनुपात के अनुसार तारों में 70% हाइड्रोजन, 28% हिलियम,एवं अन्य कार्बन, नाइट्रोज, नियॉन तथा भारी तत्व पाए जाते हैं।
सूर्य को भगवान इस दृष्टिकोण से कहा जा सकता है कि, यह सौर्य मंडल का हृदय स्थल है। यह पूरे पृथ्वी पर जीवो के शक्ति का स्रोत हैं ।सूर्या पृथ्वी पर ऊर्जा का प्रमुख स्रोत है अतः इस प्रकार सूर्य को भगवान कहा जाता है।
सूर्य की संरचना
सूर्य हमारे सौरमंडल के बिलकुल केंद्र में स्थित है।
यह जीवो के शक्ति का स्रोत है।
सूर्य सौरमंडल का हृदय स्थल है
सूर्य का वह भाग जो हमें आंखों से दिखाई देता है, प्रकाश मंडल कहलाता हैं।
नासा के अनुसार सूर्य का आकार पृथ्वी से 109 गुना बड़ा है।
यह 250 किलोमीटर प्रति सेकंड की गति से आकाशगंगा दुग्धमेखला के केंद्र के चारों ओर परिक्रमा करता है।
सूर्य के केंद्र में अत्यधिक उच्च तापमान के कारण उपस्थित सभी पदार्थ गैस और प्लाज्मा के रूप में मिलते हैं।
सूर्य के सतह का तापमान के नाशा अनुसार 5500 डिग्री सेल्सियस है।
सूर्य के समस्त ऊर्जा का स्रोत नाभिकीय संलयन है ।
नाभिकीय संलयन उसे कहते हैं,जब दो या दो से अधिक छोटे नाभिक मिलकर एक भारी नाभिक का निर्माण करते हैं।
तारों से नाभिकीय संलयन के कारण ही ऊर्जा मिलती है।
तारों में 1-1.5 करोड़ डिग्री सेल्सियस तापमान पर हाइड्रोजन के परमाणु आपस में संलयित होकर हिलियम का निर्माण करते हैं।
वस्तुतः सूर्य एक गैसीय पिंड है।ठोस नहीं होने के कारण इसके विभिन्न भागों में असमान गति पाई जाती है।
इसका मध्य भाग 25 दिनों में धुरविय भाग 35 दिनों में एक धूणन करता है।
सूर्य ग्रहण क्या होता है?
यह स्थिति तब आती है जब चंद्रमा, सूर्य और पृथ्वी के बीच आ जाता है, जिससे सूर्य का प्रकाश पृथ्वी तक नहीं पहुंचता है।
यह स्थिति केवल अमावस्या को ही होती है ।सूर्य का वह बाहरी भाग जो केवल सूर्य ग्रहण के समय दिखाई देता है, उसे कोरोना कहते हैं। किसी भी परिस्थिति में सूर्य ग्रहण 8 मिनट से अधिक नहीं हो सकता है।
पृथ्वी, सूर्य के सबसे निकट और सबसे दूर किस दिन को होती है।
पृथ्वी 3 जनवरी को सूर्य के सबसे निकट होती है यह दूरी 14.73 करोड़ किलोमीटर होता है
इस स्थिति को उपसौर कहां जाता है
तथा पृथ्वी 4 जुलाई को सूर्य से सबसे अधिक दूरी पर होती है यह दूरी लगभग 15.20 करोड़ किलोमीटर होता है
इसरो ने आदित्य नामक उपग्रह का विकास किया है जो सूर्य के कोरोना एवं उससे होने वाले उत्सर्जन के रहस्य को का प्रयास करेगा
सूर्य के प्रकाश को हमारे पृथ्वी तक पहुंचने में लगभग 8 मिनट 16 सेकंड अर्थात लगभग 500 सेकेंड का समय लगता है.
सूर्य का व्यास 13 लाख 92 हजार किलोमीटर है जो पृथ्वी के व्यास से लगभग 110 गुना है
सूर्य हमारी पृथ्वी से 1300000 गुना बड़ा है और पृथ्वी को सूर्य ताप का 2 अरबवाँ भाग मिलता हैं
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