इस संसार में बहुत सी आश्चर्यजनक वस्तुएं हैं, किंतु पीसा की मीनार संसार की वस्तुओं में सबसे अधिक आश्चर्यजनक है। यूरोप महाद्वीप के दक्षिण में इटली बड़ा ही मनोहर देश है।
इस देश में पीसा नगर है।इस नगर में जमीन की ओर झुकी हुई एक बहुत बड़ी मीनार है। इसका झुका 13 फुट है ।अचरज होता है कि सैकड़ों वर्ष पहले बनी हुई यह इतनी बड़ी मीनार कैसे खड़ी हुई है?यह मीनार आज से 500 से 700 वर्ष पहले बनी थी । इसे पीसा- निवासियों ने बड़े ही चाव से बनाया था वह अपने नगर में इटली के संसार प्रसिद्ध सुंदर नगर वेनिस के घंटाघर से भी बढ़िया मीनार बनाने के इच्छुक थे,किंतु दैवयोग से यह मीनार झुक गई।आज तक यह उसी हालत में ज्यों का त्यों खड़ी है।वेनिस का घंटाघर तो एक बार गिर भी चुका है। यह मीनार लकड़ी के लठो को जमीन में गाड़कर उनके ऊपर बनाई गई है। मीना थोड़ी ही बनने पाई थी कि एक और धरती में धंसनी आरंभ हो गई, किंतु फिर भी इसका बनाना बंद नहीं किया गया। यह मीनार बहुत ऊंची ही नहीं है,वरन बहुत सुंदर भी है। इसका बाहरी भाग संगमरमर का बना हुआ है ।
इस मीनार का महत्व और भी अधिक हो गया है, क्योंकि इस पर विश्व विख्यात इटालियन ज्योतिषी गैलीलियो ने आज से 300 वर्ष पूर्व अपनी विद्या का प्रयोग किया था।गैलीलियो पीसा में प्रोफ़ेसर था। उससे2000 वर्ष पूर्व इटली देश में एक और संसार प्रसिद्ध विद्वान हो चुका था। उसका कहना था, यदी हम एक ही समान सामग्री के बने हुए भिन्न-भिन्न बोझ के दो गोले ले और उन गोलो को एक पृथ्वी पर गिरा दे तो भारी गोला पहले जमीन पर पहुंचेगा।Pisa ki minar आखिर क्यों झुकी हैं पीसा की मीनार
इस संसार में बहुत सी आश्चर्यजनक वस्तुएं हैं, किंतु पीसा की मीनार संसार की वस्तुओं में सबसे अधिक आश्चर्यजनक है। यूरोप महाद्वीप के दक्षिण में इटली बड़ा ही मनोहर देश है।
इस देश में पीसा नगर है।इस नगर में जमीन की ओर झुकी हुई एक बहुत बड़ी मीनार है। इसका झुका 13 फुट है ।अचरज होता है कि सैकड़ों वर्ष पहले बनी हुई यह इतनी बड़ी मीनार कैसे खड़ी हुई है?यह मीनार आज से 500 से 700 वर्ष पहले बनी थी । इसे पीसा- निवासियों ने बड़े ही चाव से बनाया था वह अपने नगर में इटली के संसार प्रसिद्ध सुंदर नगर वेनिस के घंटाघर से भी बढ़िया मीनार बनाने के इच्छुक थे,किंतु दैवयोग से यह मीनार झुक गई।आज तक यह उसी हालत में ज्यों का त्यों खड़ी है।वेनिस का घंटाघर तो एक बार गिर भी चुका है। यह मीनार लकड़ी के लठो को जमीन में गाड़कर उनके ऊपर बनाई गई है। मीना थोड़ी ही बनने पाई थी कि एक और धरती में धंसनी आरंभ हो गई, किंतु फिर भी इसका बनाना बंद नहीं किया गया। यह मीनार बहुत ऊंची ही नहीं है,वरन बहुत सुंदर भी है। इसका बाहरी भाग संगमरमर का बना हुआ है ।
इस मीनार का महत्व और भी अधिक हो गया है, क्योंकि इस पर विश्व विख्यात इटालियन ज्योतिषी गैलीलियो ने आज से 300 वर्ष पूर्व अपनी विद्या का प्रयोग किया था।गैलीलियो पीसा में प्रोफ़ेसर था। उससे2000 वर्ष पूर्व इटली देश में एक और संसार प्रसिद्ध विद्वान हो चुका था। उसका कहना था, यदी हम एक ही समान सामग्री के बने हुए भिन्न-भिन्न बोझ के दो गोले ले और उन गोलो को एक पृथ्वी पर गिरा दे तो भारी गोला पहले जमीन पर पहुंचेगा।
गैलीलियो ने एक दिन पीसा विश्वविद्यालयों के प्रोफेसरों और छात्रों को एकत्र किया और अपना प्रयोग दिखाने के लिए हाथ में दो गोली लेकर पीसा की मीनार के ऊपर चढ़ गया । एक गोले का बोझ 10 पाउंड था,दूसरे का 1 पौंड।
गैलीलियो ने मीनार पर से दोनों गोले एक साथ गिराये और दोनों एक साथ जमीन पर आकर गिरे। फिर तो लोगों ने गैलीलियो की बड़ी प्रशंसा की, किंतु इसी के साथ उस पर एक मुसीबत भी आई।
कुछ लोग गैलीलियो से पूरी तरह चिढ गए, इसलिए कि उसने पूर्व प्रचलित सिद्धांतों को असत्य सिद्ध कर दिखाया था। उन्होंने गैलीलियो के बयानों में गड़बड़ी करनी आरंभ कर दी विवश होकर बेचारे गैलीलियो को पीसा नगर छोड़कर चले जाना पड़ा।
गैलीलियो ने एक दिन पीसा विश्वविद्यालयों के प्रोफेसरों और छात्रों को एकत्र किया और अपना प्रयोग दिखाने के लिए हाथ में दो गोली लेकर पीसा की मीनार के ऊपर चढ़ गया । एक गोले का बोझ 10 पाउंड था,दूसरे का 1 पौंड और बोला अगर ये एक साथ गिराया जाए तो दोनों एक साथ गिरेगे.
कुछ लोग गैलीलियो से पूरी तरह चिढ गए, इसलिए कि उसने पूर्व प्रचलित सिद्धांतों को असत्य सिद्ध कर दिखाया था। उन्होंने गैलीलियो के बयानों में गड़बड़ी करनी आरंभ कर दी विवश होकर बेचारे गैलीलियो को पीसा नगर छोड़कर चले जाना पड़ा।
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