रोड्स की मूर्ति RODAS KI MURTI यूरोप महाद्वीप के दक्षिण में यूनान नाम का एक पहाड़ी देश में है। प्राचीनकाल में यूनान में एक से एक बढ़कर विद्वान, शूरवीर और धार्मिक पुरुष हुए हैं। ये सभी पुरुषों ने ही यूनान की सभ्यता को प्रचंड शिखर पर पहुंचा दिया।
इसी कारण आज भी यूनान की सभ्यता की प्राचीन कथाएं संसार के इतिहास में अलग ही विशेष स्थान रखती है। यूनान के प्राचीन निवासी अपने देवताओं की बड़ी-बड़ी मूर्तियां बनाकर उनकी पूजा करते थे।
इस प्रकार की युनान में 7 बड़ी-बड़ी मूर्तियां आज भी यूनान की प्राचीन सभ्यता का पताका फहरा रही है।
रोड्स की मूर्ति की गणना विश्व🌏 के सात अजूबों में होती है। रोड्स की यह मूर्ति इतनी ऊंची बनाई गई थी कि पुराने जलपोत अपने पालो सहित इस मूर्ति की टांगों के बीच से निकल जाते थे।
यह मूर्ति लीशियस से शिष्य चेयरस के कार्य कौशल का नमूना थी। इस मूर्ति का निर्माण करने में चेसयर को पूरे 12 वर्ष लगे। 1360 वर्ष खड़ी रहने के बाद यह मूर्ति भूकंप से गिर पड़ी । इसकी कुल ऊंचाई 125 फुट थी बहुत कम लोग इस मूर्ति के अंगूठे की गहराई नाप सकते थे। जिस समय सीरिया के निवासियों ने ग्रीस टापू पर अपना अधिकार जमाया, यह विशाल मूर्ति पृथ्वी पर पड़ी थी। उन्होंने इसे एक यहूदी के हाथ बेच दिया। वह यहूदी इस मूर्ति की पितल को 600 ऊंट पर लाद कर ले गया। इस विशाल मूर्ति का आधार त्रिभुज के आकार का एक भवन था। इस भवन के किनारे संगमरमर के 50 खंभे लगे हुए थे। इस पर चढ़ने के लिए एक घुमावदार जीना बनाया गया था। ऊपर चढ़कर लोग मूर्ति के गले के चारों ओर लगे हुए दर्पण द्वारा सीरिया और मिस्र को जानेवाले सभी जलयानो का पता बड़ी ही आसानी से देख लेते थे।
दुनिया के अचरज बातें
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1 टिप्पणियाँ
Very nice interesting your method for writing
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